अनुशासन का महत्व निबंध Anushasan ka mahatva nibandh
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत बहुत स्वागत है इस लेख अनुशासन का महत्व निबंध (Anushasan ka mahatva nibandh) में। दोस्तों यहां पर आप अनुशासन के महत्व पर निबंध पढ़ पाएंगे
जो निबंध कक्षा 5 से लेकर कक्षा 12 तक पूछा जाता है यहां से आप अनुशासन के महत्व पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते हैं। यह निबंध साधारण और सरल भाषा में यहाँ पर समझाया गया है।
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प्रस्तावना Preface
अनुशासन शब्द का निर्माण अनु + शासन से मिलकर हुआ है, जिसमें अनु का अर्थ होता है अनुसरण करना (Follow) या पीछे चलना या फिर पालन करना और शासन का अर्थ होता है नियम (Rule) इस प्रकार से हम कह सकते हैं, कि अनुशासन का अर्थ होता है नियमों का पालन करना नियमों का अनुसरण करना,
किंतु बहुत से लोग इसको परतंत्रता भी मान लेते हैं जो उचित नहीं है, क्योंकि जो भी नियम बनाए जाते हैं वह व्यक्ति तथा समाज की भलाई के लिए ही बनाए जाते हैं। उन नियमों का पालन करने से व्यक्ति तथा समाज का विकास होता है, इसीलिए अनुशासन शब्द का अर्थ भी होता है नियमों का अनुसरण करना।
अनुशासन की आवश्यकता Need of Discipline
अनुशासन की आवश्यकता क्यों है? यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है और इसका सीधा सा और सरल उत्तर है जीवन की सफलता (Success of Life) के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है। हम दूसरे शब्दों में कह सकते हैं, कि जीवन की सफलता के लिए ही अनुशासन एक मूल मंत्र का कार्य करता है।
आज हम देख रहे हैं, कि यह संपूर्ण प्रकृति भी अनुशासन में रहकर ही गतिमान है, आज सूर्य चंद्रमा नक्षत्र सागर झरने गर्मी सर्दी वनस्पति सब कुछ अनुशासन में ही बंधे हुए हैं। अनुशासन सरकार समाज व्यक्ति तीनों स्तरों पर होता है जैसे, कि सरकार के नियमों का पालन करने के लिए पुलिस न्याय दंड पुरस्कार आदि की व्यवस्था करती है,
तो दूसरी तरफ बुद्धिमान व्यक्ति उन नियमों का पालन करते हैं और जो उन नियमों का पालन नहीं करते वे दंड के भागी होते हैं। ऐसे ही सामाजिक व्यवस्था के लिए धर्म होता है समाज होता है और इनके द्वारा कई प्रकार के नियम समय-समय पर बनाए जाते हैं और व्यक्ति मात्र को उन नियमों का पालन करना पड़ता है,
जो व्यक्ति सभ्य सुशील और विनम्र होते हैं, वह पालन करते हैं और जो लोग दुष्ट प्रवृत्ति के होते हैं वह पालन नहीं करते ऐसे लोग उद्दंड होते हैं, असभ्य होते हैं और उन्हें समाज के द्वारा भी दंड दिया जाता है, इसीलिए हम सभी को अनुशासन में रहना चाहिए। कहा गया है, कि यदि व्यक्ति स्वयं अनुशासन में रहता है तो उसके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती है।
वह अपने अपने शरीर को स्वस्थ रखता है, ऊर्जावान रखता है, सामर्थ्यवान रखता है और हमेशा ही प्रसन्न रहता है। अनुशासित व्यक्ति किसी भी प्रकार के उत्तरदायित्व को पूरा कर सकता है। प्राचीन काल में ऋषि मुनि शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन पर विशेष बल देते थे। आदेश देने वाला व्यक्ति प्राय: आज्ञा देने वाले का हित ही चाहता है, इसलिए अनुशासन में रहना और अनुशासन के अनुसार चलना बहुत ही आवश्यक है।
अनुशासन का महत्व Importance of Discipline
अनुशासन का महत्व हर एक व्यक्ति के लिए है चाहे वह कोई मजदूर हो या फिर कोई सर्विसमैन हो। अगर कोई भी व्यक्ति अच्छा खुशहाल जीवन जीना चाहता है, तो उसको अनुशासन के महत्व को समझना ही पड़ेगा। किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुशासन छात्र जीवन में बहुत ही उपयोगी होता है।
अगर छात्र जीवन में हम अनुशासन के महत्व समझते हैं और अनुशासन में रहकर कोई भी कार्य करते हैं, तो वह कार्य हम अवश्य ही पूरा कर पाते हैं। इसी तरीके से गृहस्थ जीवन में भी हमें अनुशासन के महत्व को समझ कर ही अपने कार्य करने चाहिए, जो लोग अनुशासन में रहकर ही अपने आप को आगे बड़ाते हैं,
कोई भी कार्य करते हैं उनका गृहस्थ जीवन बहुत ही आसान और सरल होता है। उनके जीवन में हमेशा खुशहाली होती है। हमें अपने छोटे बड़े काम अपने ऑफिस हर जगह अनुशासन में रहकर ही करना चाहिए और वार्तालाप भी अनुशासन में रहकर करना चाहिए, एक दूसरे से मिलना चाहिए और समस्त क्रियाकलाप भी करना चाहिए जो हम दैनिक जीवन में करते हैं,
लेकिन वह सभी अनुशासन में ही होने चाहिए। हम कह सकते हैं, कि एक चपरासी से लेकर बड़े से बड़े अफसर के लिए अनुशासन बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसीलिए अनुशासन में रहकर ही हर एक कार्य करना चाहिए जो लोग अनुशासन प्रिय होते हैं वे अवश्य ही अपने नाम से जाने जाते हैं।
अनुशासन से लाभ Benifits of Discipline
अगर हम बात करते हैं, अनुशासन के लाभ की तो अनुशासन के अनगिनत लाभ है और उनके लाभ ऐसे होते हैं, जो एक श्रेष्ठ जीवन बनाने के लिए उत्तरदाई होते हैं। आज हम जितने भी महापुरुष देखते हैं, जिनकी गाथाएँ आज हम गाते हैं, जिनका उदाहरण देते हैं, उन सभी के जीवन का मूल मंत्र अनुशासन ही था।
राणा प्रताप, शिवाजी, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी आदि सभी ने अनुशासन में रहकर ही इतनी ख्याति प्राप्त की है, कि आज इनको भी भगवान की तरह पूजा जाता है, याद किया जाता है। 1857 की क्रांति के असफल होने का मुख्य कारण था अनुशासन भंग होना, जिसका परिणाम हमारे समस्त देशवाशियो को भी भुगतना पड़ा था, जबकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने शांतिपूर्वक विशाल अंग्रेजी साम्राज्य नींव हिला दी वह मात्र अनुशासन के ही बल पर।
उन्होंने आजादी के लिए सत्याग्रह चलाया परंतु लोगों में अनुशासन की कमी होने के कारण उसे रोक भी दिया था, इसीलिए अनुशासन के लाभ हर एक जगह देखे जाते हैं। अगर हम बात करें किसी भी कार्य की अगर उसमें सफल होना चाहते है तो उसके लिए अनुशासन बहुत ही आवश्यक है। नेपोलियन सिकंदर जैसे महान शासको की विजय का मुख्य मूल मंत्र क्या था?
अनुशासन क्योंकि उनकी सेना में अनुशासन था और अनुशासन के द्वारा ही एक कक्षा में 50 से 60 और 100 विद्यार्थियों को एक शिक्षक आसानी से पढ़ा पाता है। अगर अनुशासन ना हो तो 10 बालकों को भी एक कक्षा में पढ़ाना मुश्किल हो जाता है, इसीलिए जीवन के हर एक पड़ाव पर अनुशासन के अनगिनत लाभ मिलते हैं।
उपसंहार Conclusion
हम कह सकते हैं, कि अनुशासन ही वह एक ऐसा मूल मंत्र है, जो हमारे महान बनने के लिए उत्तरदाई होता है। अगर हम अनुशासन में रहते हैं, तो हम भी महान बन सकते हैं, किंतु जब हम अनुशासन में नहीं रहेंगे तो हम दुष्ट प्रकृति के भी बन सकते हैं।
अतः अनुशासन के बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते अगर आप भी अपने जीवन में नाम और ख्याति प्राप्त करना चाहते हैं अच्छा जीवन जीना चाहते है, तो आपको अनुशासन में ही रहना होगा और अनुशासित जीवन भी जीना होगा।
दोस्तों यहाँ पर आपने अनुशासन का महत्व निबंध (Anushasan ka mahatva nibandh) अनुशासन पर निबंध पढ़ा तो आशा करता हुँ आपको लेख अच्छा लगा होगा।
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