संघ पोरिफेरा के मुख्य लक्षण Phylum porifera ke Mukhya Lakshan

संघ पोरिफेरा के मुख्य लक्षण Phylum porifera ke Mukhya Lakshan

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दोस्तों इस लेख में आप संघ पोरिफेरा के मुख्य लक्षणों के साथ संघ पोरिफेरा का वर्गीकरण तथा संघ पोरिफेरा के जंतुओं के नाम भी जानेंगे.

दोस्तों इस लेख से आप किसी भी एग्जाम सम्बन्धी हेल्प ले सकते है। तो दोस्तों आइये बढ़ते है अपने इस लेख संघ पोरिफेरा के मुख्य लक्षणों में :-

संघ पोरिफेरा के मुख्य लक्षण


संघ पोरिफेरा क्या है what is Phylum Porifera

वे प्रारंभिक और बहुकोशिकीय जंतु (Multi Cellular) जिनका शारीरिक संगठन कोशिकीय स्तर का होता है, तथा इनके शरीर पर विभिन्न छोटे-छोटे छिद्र (Pore) पाए जाते हैं,

उन जीवो को संघ पोरिफेरा के अंतर्गत रखा गया है। साधारणतया कहा जा सकता है, कि वे यूकैरियोटिक जीव जंतु जिनका शरीर का संगठन एक से अधिक कोशिकाओं का बना होता है,

तथा उनके शरीर पर विभिन्न छोटे-छोटे छिद्र पाए जाते हैं, यह छिद्र संघ पोरिफेरा का मुख्य लक्षण है इसलिए इन जंतुओं को पोरिफेरा कहा जाता है। 

पोरिफेरा नामक शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है जिनमें पहला शब्द Poros का अर्थ होता है, छिद्र तथा Ferre का अर्थ होता है,

धारण करने वाला इस प्रकार से हम कह सकते हैं, की पोरिफेरा शब्द का अर्थ (Meaning of Porrifera) छोटे-छोटे छिद्रों को धारण करने वाला होता है।

इस प्रकार से इस संघ (Phylum) का नाम पोरिफेरा (Porrifera) पड़ा पोरिफेरा संघ के अंतर्गत अभी तक 10000 प्रजातियाँ ज्ञात हैं।

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नामकरण Nomenclatue

संघ पोरिफेरा के जंतुओ का अध्ययन करने पर सबसे पहले रॉबर्ट ग्रांट (Robert Grant) नामक वैज्ञानिक ने 1825 में इन जंतुओ को संघ पोरीफेरा नाम दिया था।

संघ पोरीफेरा के जंतुओं की आकृति वाहय संरचना पौधों (Plants) से मिलती जुलती है, इसलिए प्रारंभ में वैज्ञानिकों ने इसे पादप (पौधे) ही मान लिया था। परंतु 1765 ईस्वी में

एलिस (Ellis) नामक वैज्ञानिक ने पोरिफेरा संघ (Phylum Porifera) पर गहन अध्ययन किया तत्पश्चात वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे की पोरिफेरा संघ के जंतु पादप नहीं अपितु जंतु ही हैं।

इस संघ के जंतुओं को स्पंज (Sponge) भी कहा जाता है, माना जाता है कि इस जंतुओं का विकास प्रोटैरोस्पंजिया जैसे प्रोटोजोआ के पूर्वजों से हुआ है।

इन शुरूआती जीवों ने इकठ्ठा होकर कोशिकाओं (Cells) की संरचना का निर्माण कर लिया, किंतु विभिन्न क्रियाओं के ना होने के कारण इनका शरीर ऊतकीय स्तर का नहीं हो पाया।

संघ पोरिफेरा के मुख्य लक्षण Phylum porifera ke Mukhya lakshan 

संघ पोरिफेरा के मुख्य लक्षण निम्न प्रकार हैं :-

  1. प्रकृति एवं आवास - पोरिफेरा संघ के सभी प्रकार के जंतु अधिकांशतः समुद्र जलीय परंतु कुछ स्वछ जलीय भी होते हैं, जो अकेले तथा समूह में रहना भी पसंद करते हैं।
  2. शारीरिक संगठन - इन प्राणियों में कोशिकीय स्तर का शारीरिक संगठन पाया जाता है, इनमें कोशिकीय समूह का निर्माण तो हो जाता है, किंतु ऊतकीय स्तर अनुपस्थित होता है।
  3. शारीरिक आकृति - संघ पोरिफेरा के जंतु बेलनाकार नालिकाकार, फूलदान के आकार के गोलाकार प्लेट के समान तथा पादप के समान आकृति रखते हैं, जबकि इनकी सममिति आरीय प्रकार की होती है, तथा कुछ जंतु आसमितिय भी होते हैं।
  4. शारीरिक आवरण - पोरिफेरा के जंतु का शरीर देहभित्ति  से ढका रहता है, इनमें दो स्तर पाए जाते हैं, एक बाहरी स्तर एवं दूसरा आंतरिक स्तर जबकि इन दोनों स्तरों के मध्य एक विशेष प्रकार का अकोशिकीय प्रकार का स्तर पाया जाता है, जिसे मीजेनकाएमा (Mesenchyme) कहा जाता है।
  5. जनन स्तर - संघ पोरिफेरा के जंतु द्वीजनन स्तरीय के  होते हैं। जंतुओं के समस्त संरचनाओं का विकास एक्टोडर्म और एंडोडर्म से होता है।
  6. वाह्य कंकाल - इनकी देहभित्ति में धंसी कैल्केरियस, अथवा सलीका की बनी कंकाली संरचनाएं होती हैं, यह संरचनाएं, दो प्रकार की होती हैं। 1.कांटिकाएँ 2. स्पन्जिन तंतु
  7. नालिका तंत्र - नालिका तंत्र जैसा लक्षण केवल स्पंजों में ही पाया जाता है, जिसमें ओस्टिया अन्तर्वाही छिद्र, अन्तर्वाही नलिकाएँ, प्रोसोपाइल अरीय नालिका एपोपाइल स्पंज गुहा ऑस्कुलम, जिसमें सबसे पहले जल ओस्टिया के द्वारा अंदर जाता है, तथा इन सभी संरचनाओं से होता हुआ ऑस्कुलम से बाहर निकल जाता है।
  8. प्रचलन और पोषण - इन सभी जंतुओं में प्रचलन नहीं होता जबकि यह जंतु मांसाहारी (Carnivorous) प्रकृति के होते हैं।
  9. उत्सर्जन परिसंचरण स्वसन तंत्र -  इनके लिए विशेष अंग नहीं होते यह सभी क्रियाएँ शारीरिक सतह के द्वारा ही होती हैं।
  10. तंत्रिका तंत्र - संघ पोरिफेरा के जंतुओं में द्विध्रुवीय एवं बहूधुर्वीय तंत्रिका कोशिकाओं के द्वारा प्राथमिक तंत्रिका तंत्र उपस्थित होता है। जंतुओं में संवेदी अंग (Sensory organs) अनुपस्थित होते हैं।
  11. प्रजनन तंत्र - इन जंतुओं में दो प्रकार का प्रजनन पाया जाता है। यह जंतु द्विलिंगी होते हैं, किंतु इनमें नर और मादा जननांग अलग-अलग समय पर परिपक्व होते हैं इस कारण से इनमें परनिषेचन की क्रिया होती है।अलैंगिक जनन मुकुलन के द्वारा विखंडन के द्वारा इन प्राणियों में होता है, जबकि लैंगिक जनन युग्मकों के संयोजन से होता है।
  12. लारवा अवस्थाएँ - इनमें परिवर्धन सीलियेटेड लार्वा (Ciliated Larva) के द्वारा होता है।

फाइलम पॉरिफेरा का वर्गीकरण Classification of phylum porifera 

फाइलम पॉरिफेरा को लक्षणों के आधार पर तीन क्लासों में बांटा गया है।

1. वर्ग class  - कैलकेरिया Calcarea

 सामान्य लक्षण common symptoms  

  1. यह प्राणी समुद्र के कम गहरे जल में पाए जाते हैं
  2. इन प्राणियों के शरीर का आकार बेलनाकार  फूलदान जैसा होता है
  3. इन प्राणियों का कंकाल कैल्सीमय दीर्घ कांटिकाओं का बना होता है
  4. इनका नाल तंत्र एक्सोन सायकॉन एवं सरल रैगोन प्रकार का होता है।

2. वर्ग Class - हैक्सेक्तिनेलिडा या हैलोस्पोन्जिया Hexactinellida or Hyalospongia

 सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. इस वर्ग के सभी प्राणी समुद्री होते हैं जो गहरे जल में पाए जाते हैं।
  2. प्राणियों के शरीर की आकृति प्याले के सामान्य फूलदान के के आकार की होती है।
  3. इस वर्ग के प्राणियों को काँच स्पंज के नाम से भी जाना जाता है।
  4. प्राणियों का कंकाल रंगहीन पारदर्शक चमकदार सिलका की बनी कणिकाओं का होता है उनका कंकाल 6 भुजा वाला या त्रिआरीय होता है।
  5. इस वर्ग के प्राणियों की सतह अमीबी कोशिकाओं के जुड़े रहने के कारण बहू केंद्रकीय जाल के समान बन जाती है स्थिति को सिंसायटियम कहा जाता है।

3.वर्ग Class - डीमोस्पॉन्जिया Demospongia

 सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. इस वर्ग के अधिकांश प्राणी समुद्र के जल में रहते हैं जबकि कुछ स्वच्छ जल में भी पाए जाते हैं।
  2. इनके शरीर की आकृति गोलाकार फूलदान के समान प्याले के समान होती है।
  3. इनके शरीर पर कांटिकाएँ चमकीले रंग की तथा लघु एवं गुरु कांतिकाओं में विभाजित होती हैं।
  4. इन प्राणियों का नाल तंत्र ल्यूकोन प्रकार का और अधिक जटिल होता है।
  5. प्राणियों की कीप कोशिकाएं गोल कक्षों तक सीमित होती हैं।
  6. कशाभिकक्ष छोटे-छोटे और गोल गोल होते हैं।

संघ पोरिफेरा के उदाहरण Example of phylum Porifera

1. यूस्पोन्जिया Eusopongia

 वर्गीकरण (Classification)
  •  संघ (Phylum) - पोरिफेरा (Porifera)
  •  वर्ग (Class) - डीमोस्पॉन्जिया  (Demospongiae)
  •  गण (Order) - डिक्टायोसेरेटिडा (Dictyoceratida) 
  •  वंश (Genus) - यूस्पोन्जिया (Euspongia)

सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. यह प्राणी समुद्र के पुतले जल में चट्टानों पर पत्थरों पर आदि कई आधार से चिपके हुए पाए जाते हैं।
  2. इनके शरीर की आकृति गोलाकार पिंडाकार प्याले के जैसा और पाटलिआकार होती है।
  3. इन प्राणियों को व्यापारिक स्नान स्पंज भी कहा जाता है।
  4. इनका कंकाल स्पंजिन ततुवों से निर्मित है।
संघ पोरिफेरा के मुख्य लक्षण

2. साइकॉन Sycon

 वर्गीकरण (Classification)
  •  संघ (Phylum) - पोरिफेरा (Porifera)
  •  वर्ग (Class) - कैलकेरिया (Calcarea)
  •  गण (Order) - साइसैटिंडा (Scycettida)
  •  वंश (Genus) - साइकॉन (Sycon)

 सामान्य लक्षण Common Symptoms

  1. यह प्राणी समुद्री जल में चट्टानों पर पत्थरों पर और जलीय पौधों से चिपका हुआ पाया जाता है।
  2. इनका शरीर नालवत अथवा फूलदान के जैसा भूरा और कांटे की संरचनाओं से निर्मित होता है।
  3. इनका कंकाल कैल्शियम कार्बोनेट की कंटिकाओं से निर्मित है.
  4. इस प्राणी की शरीर में कीप कोशिकाएँ केवल कशाभि  नालिकाओं की दीवार पर उपस्थित होती हैं।
  5. प्रत्येक कॉलोनी में दो या दो से अधिक बेलनाकार शाखाएं होती हैं जो स्टोलन से जुड़ी होती हैं।

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तथा संघ पोरिफेरा (Phylum Porrifera) के जंतुओं के नाम आदि के बारे में पड़ा आशा करता हुँ, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।

FAQs for Porifera

Q.1. पोरिफेरा का अर्थ है?

Ans. पोरीफेरा का अर्थ छिद्र धारण करने वाला अर्थात छिद्रित जीव होता है।

Q.2. पोरिफेरा का सामान्य नाम क्या है?

Ans. पोरिफेरा का सामान्य नाम स्पंज होता है।

Q.3. संघ पोरिफेरा के उदाहरण

Ans. यूस्पोन्जिया, साइकॉन संघ पोरिफेरा के उदाहरण

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