अपराधी बालक किसे कहते है Apradhi balak kise kahate hain

अपराधी बालक किसे कहते है Apradhi balak kise kahate hain

हैलो नमस्कार दोस्तों इस लेख में आप अपराधी बालक किसे कहते है? Apradhi balak kise kahate hain, अपराधी बालक का अर्थ, परिभाषा कारण निवारण आदि महत्वपूर्ण बातों को जानेंगे, दोस्तों वर्तमान में समाज में कई बुरी प्रवर्तियाँ जाग्रत हो रही है

उनमें से एक है, बाल अपराधी (Child Delinquency) आज इस लेख में हम अपराधी बालक का अर्थ, परिभाषा कारण निवारण आदि के बारे में विस्तार से समझेंगे तो आइये दोस्तों शुरू करते है:-

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अपराधी बालक का अर्थ


अपराधी बालक किसे कहते है Apradhi balak kise kahate hain

वे बालक को समाज विरोधी गतिविधियाँ करते है, उन्हें अपराधी बालक कहा जाता है। साधरण शब्दों में अपराधी बालक का मतलब उन बालको से है,

जिनके कार्यों के द्वारा समाज के विभिन्न वर्ग संगठन व्यक्ति आदि परेशान होने लगते है, कियोकि उनके द्वारा चोरी मारपीट लूट झूंठ बोलना गंदे कार्य करना आदि गतिविधियाँ की जाती है। 

अपराधी बालक का अर्थ, बाल अपराध का अर्थ Meaning of Criminal child  

अपराधी बालक का अर्थ है - अपराधी बालक का अर्थ उस बालक से है, जो समाज विरोधी (Anti - Social) गतिविधियाँ करता है,

तथा समाज को नुकसान पहुंचाता है, उस बालक को अपराधी बालक कहा जाता है। अपराधी बालक की पहचान अपराध के आधार पर की जाती है, जिसके तीन प्रकार के दृष्टिकोण हैं, 

  1. एक मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण दूसरा सामाजिक दृष्टिकोण तथा तीसरा वैज्ञानिक दृष्टिकोण

अपराधी बालक में विभिन्न प्रकार की बुरी प्रवृतियाँ होती है, जैसे - चोरी करना, जेब काटना, तोड़फोड़ करके सामान को ले जाना अथवा झूठ बोलना

इस प्रकार से अपराधी बालक वह बालक होता है, जो अपने स्वार्थ तथा आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए विभिन्न प्रकार की समाज विरोधी गतिविधियाँ कानून विरोधी गतिविधियां करता है, उस बालक को अपराधी बालक (Criminal Child) कहते हैं।

अपराधी बालक का अर्थ, परिभाषा


अपराधी बालक की परिभाषाएँ Definitions of child criminal

विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपराधी बालकों की परिभाषाएं निम्न प्रकार दी हैं:-

जब बालक का व्यवहार सामाजिक नियमों से विपरीत होने लगता है, तो उस बालक को अपराधी बालक (Crimnal Child) कहते हैं।

उस बालक को अपराधी बालक कहा जाता है, जो सामाजिक तथा कानूनी नियमों का उल्लंघन करता है, तथा उसके प्रति कानूनी कार्रवाई आवश्यक हो जाती है।

वह बालक जो 18 वर्ष की आयु पूर्ण ना कर चुका हो किंतु उसकी गतिविधियां समाज, विरोधी कानून विरोधी होती है। तब उस बालक को अपराधी बालक (Crimnal Child) कहा जाता है।

बाल अपराध की विशेषताएं Characteristics of crimnal child

अपराधी बालक की सामान्य और विशिष्ट विशेषताओं का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रकार के अनुसंधान पूर्वक कार्य किए गए तथा काफी विचार विमर्श करने के पश्चात निम्न प्रकार की विशेषताएँ अपराधी बालक की बताई गई हैं:-

  1. अपराधी बालक विद्यालय के प्रति अरुचि प्रदर्शित करता है, विद्यालय समय पर नहीं जाता और कभी-कभी विद्यालय में अनुपस्थित भी रहता है।
  2. अपराधी बालक विद्यालय के नियमों के विपरीत प्रतिक्रिया करता है तथा क्रोध व्यक्त करता है।
  3. अपराधी बालक कक्षा में क्रोध और चिड़चिड़ापन दूसरे बच्चों से लड़ना, झगड़ना आदि भी प्रदर्शित करता है।
  4. अपराधी बालक (Criminal Child) विद्यालय में चोरी दूसरे बच्चों को डराने धमकाने की कोशिश जैसी प्रवृतियाँ दर्शाती है।
  5. अपराधी बालक का मन पढ़ाई (Study) में नहीं लगता तथा विभिन्न स्कूल विरोधी गतिविधियाँ प्रदर्शित करता है।
  6. अपराधी बालक क्रीडा क्षेत्र में दूसरे बच्चों को डराने धमकाने का व्यवहार भी प्रदर्शित करता है।
  7. अपराधी बालक विद्यालय की संपत्ति बोर्ड इलेक्ट्रिक बोर्ड पंखे टेबल कुर्सी आदि को तोड़ता है, हानि पहुंचाता है।

अपराधी बालकों की पहचान Identification of crimnal  children

अपराधी बालकों की पहचान करना बहुत ही सरलता पूर्वक है, जो बालक अपराधी प्रवृत्ति के होते हैं। वह हमेशा झूठ बोलते हैं, झगड़ा करते हैं,

सिगरेट, बीड़ी पीते हैं, बुरा व्यवहार करने लगते हैं, दूसरों पर आक्रमण करने लगते हैं, तोड़फोड़ करते हैं, चुनौती देते हैं, जेब काटते हैं, चोरी करते हैं,

छोटे बच्चों को तंग करते हैं, विद्यालय से भागने लगते हैं, अपराधियों के साथ रहते हैं, दीवारों पर अनुचित बातें लिखते हैं, शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं,

माता पिता की आज्ञा का उल्लंघन करते हैं आदि कई प्रवृतियो अपराधी बालकों में पाई जाती हैं।

अपराधिता के कारण Due to criminality

अपराधिता के विभिन्न कारण हैं, जिन्हें निम्न प्रकार से समझाया गया है:-

आनुवांशिक कारण Genetic factors

बहुत से मनोवैज्ञानिकों का मानना है, कि बाल अपराधियों का जन्म होता है, अर्थात कुछ अपराधी (Criminal) जन्मजात होते हैं।

क्योंकि कुछ बालक ऐसे होते हैं, जो अपराधी प्रवृतियाँ (Criminal tendencies) अपने माता पिता से जन्म से ही प्राप्त कर लेते हैं।

जबकि एक मनोवैज्ञानिक ने बताया, कि दो प्रकार के उत्पादक गुणसूत्र (Chromosome) होते हैं, जिसमें स्त्रियों में XX और पुरुषों में XY पाये जाते हैं, किंतु कुछ परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती है,

जिनमें स्त्रियों में केवल X गुणसूत्र और पुरुषों में XYY गुणसूत्र होते हैं। इस प्रकार से भी अपराधियों (Crimnals) का जन्म होता है।

अपराधिता का दूसरा कारण शारीरिक संरचना भी है, जिन व्यक्तियों का शरीर वंशानुक्रम के कारण अच्छा गठीला मजबूत खिलाड़ियों का जैसा होता है, उनमें अपराधी प्रवृतियाँ स्वत: ही उत्पन्न होने लगती हैं।

शारीरिक कारण Physical cause

बहुत से बालक ऐसे होते हैं, जो शारीरिक रूप (Physically) से अन्य लोगों से भिन्न-भिन्न दिखाई देते हैं। उनका स्वरूप भिन्न होने के कारण समाज के लोग उनका तिरस्कार करने लगते हैं,

इस प्रकार से इन बालकों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने लगती है और वह तिरस्कार का बदला लेने के लिए अपराधी प्रवृत्तियों को अपनाते हैं और अपराधी (Crimnal) बन जाते हैं।

जबकि भारत की जलवायु इतनी गरम है, कि बालक और बालिकाओं में यौन लक्षण समय से पहले विकसित हो जाते हैं और इस कारण से बालक विभिन्न प्रकार के यौन अपराधों में लिप्त हो जाते हैं।

आर्थिक कारण Economical Cause

अपराधिता से विभिन्न प्रकार के कारणों में एक कारण आर्थिक कारण भी है, आर्थिक कारण में गरीबी (Poverty) बेकारी (Unemployment) तथा काम ना मिलना आदि शामिल किया गया है,

इसके कारण से लोग अपना जीवन यापन भी नहीं कर पाते हैं और उनकी आवश्यकता की पूर्ति न होने पर वे विभिन्न प्रकार की अपराधी प्रवृत्तियों में लिप्त हो जाते हैं जो चोरी करते हैं, डकैती करते हैं, लूट, मारपीट आदि।

पारिवारिक कारण Family reasons

कई बार पारिवारिक कारण भी अपराधिता के कारण बन जाते हैं। दंपत्ति के बीच मतभेद, तलाक विभिन्न प्रकार के अवसरों पर झगड़ा आदि के कारण लोगों में अपराधी प्रवृतियाँ जागने लगती हैं।

एक रिसर्च के अनुसार बताया गया है, कि 4000 में से लगभग 2000 बालक अपराधी खंडित. से थे, जबकि परिवार का दूषित वातावरण

माता-पिता का सही से सहयोग ना मिलना और अच्छे संस्कार ना मिलना आदि भी अपराधी बालकों और लोगों के कारण बनते हैं।

सामाजिक कारण Social Causes

सामाजिक कारण भी अपराधी का प्रमुख कारण माना गया है, क्योंकि प्रत्येक बालक का कोई ना कोई दोस्त अवश्य होते हैं, जो समाज से ही होते हैं।

कुछ मित्रों में अच्छी आदतें होती हैं, तो कुछ मित्रों में बुराई और बुरी आदतें पाई जाती हैं। बालक बुरे मित्रों के साथ नोचना पीटना, गाली गलौज करना,

बगीचे में फूल तोड़ना धूम्रपान करना यौन अपराध करना कई प्रकार की बुरे आदत सीख जाते हैं और बाल अपराध के कारण बनते हैं।

बाल अपराध के रोकथाम के उपाय Child crime prevention measures

बाल अपराध के रोकथाम के उपाय परिवार विद्यालय समाज सभी के द्वारा किए जाने चाहिए, तभी जाकर बाल अपराधियों को कम किया जा सकता है।

समाज के कार्य Social Work

समाज को बच्चों को राजनीति से पृथक करना चाहिए। तथा उन्हें मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराना चाहिए, जो बच्चे निर्धन (Poverty) है, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए।

इधर परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना चाहिए। सामूहिक संघों का निर्माण करना चाहिए गंदी बस्तियों को समाप्त करना चाहिए आदि समाज के बाल अपराध के रोकथाम के उपाय है।

परिवार के कार्य Family work

परिवार का वातावरण उत्तम होना चाहिए। बड़े परिवार पर नियंत्रण होना चाहिए। बालकों का निर्देशन, बालकों का निरीक्षण बालकों के प्रति व्यवहार बालकों के

दैनिक व्यय की पूर्ति बालकों में अच्छी आदतों का निर्माण बालकों में आत्मनिर्भरता का विकास आदि परिवार के बाल अपराध के रोकथाम के उपाय है।

विद्यालय के कार्य School Work

  1. विद्यालय का उत्तम वातावरण होना चाहिए।
  2. बालकों की स्वतंत्रता गोष्ठियों की स्थापना की जानी चाहिए।
  3. विद्यालय में अच्छे पुस्तकालय की व्यवस्था होनी चाहिए।
  4. व्यक्तिगत विभिन्नता का विकास करना चाहिए।
  5. सभी बालको को अच्छी नागरिकता की शिक्षा देनी चाहिए। 
  6. विद्यालय में अच्छे शिक्षकों (Good Teacher) की नियुक्ति करनी चाहिए।
  7. बालकों को सामान्य ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान दिया जाना चाहिए।
  8. सामाजिक दृष्टिकोण का विकास किया जाना चाहिए, अंतर होने की समस्या का समाधान किया जाना चाहिए आदि विद्यालय के बाल अपराध के रोकथाम के उपाय है।

दोस्तों इस लेख में आपने अपराधी बालक किसे कहते है, Apradhi balak kise kahate hain अपराधी बालक का अर्थ (Meaning of delinquent child) परिभाषा तथा अन्य महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में जानकारी प्राप्त की आशा करता हूँ, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।

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