खनिज लवण क्या है, खनिज लवण के स्रोत Sources of minerals

खनिज लवण के स्रोत Sources of minerals

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है इस लेख खनिज लवण के स्रोत (Sources of minerals) में। दोस्तों यहाँ पर हम खनिज लवण क्या है, खनिज लवण के कार्य,

खनिज लवण की कमी से रोग आदि महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानेंगे तो आइये शुरू करते है, यह लेख खनिज लवण के स्रोत:-

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खनिज लवण के स्रोत


खनिज लवण क्या है What is Minerals 

खनिज लवण एक प्रकार से अकार्बनिक घटक है जो भोजन में उपस्थित होते है और मानव की शरीर की विभिन्न क्रियाओं के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। अलग-अलग रासायनिक तत्वों को प्रदान करने वाले खनिज लवणों का कोई

एक संगठित रूप नहीं है, नामो की विविधता के अनुसार यह विभिन्न खनिज लवण शरीर के विकास के आवश्यक तत्व है। खनिज लवण आठ प्रकार के होते हैं। कैल्शियम ,फास्फोरस ,लोहा, आयोडीन ,सोडियम ,क्लोराइड या सामान्य नमक पोटेशियम ,मैग्नीशियम ,गंधक।

कैल्शियम Calcium 

शरीर का आधा भाग कैल्शियम क्षार से मिलकर बना हुआ है। दांतो और हड्डियों में 19 % कैल्शियम रहता है, जबकि यह रक्त और शरीर की अन्य तरल पदार्थ में भी विद्यमान रहता है। यह एक उत्कृष्ट कोटि का खनिज लवण है।

कैल्शियम के कार्य Function of Calcium

  1. दातों और अस्थियों की मजबूती तथा निर्माण के लिए कैल्शियम एक आवश्यक तत्व है।
  2. यह हृदय की गति को नियंत्रित रखता है।
  3. रक्त जमने की क्रियाओ (Blood Clotting) में भी सहयोग देता है।
  4. यह मांसपेशियों की क्रियाशीलता को बनाए रखने वाला तत्व है।

कैल्शियम प्राप्ति के साधन Source 

कैल्शियम प्राप्ति के कई साधन है, जिनमे दूध कैल्शियम प्राप्ति का उत्तम साधन है। दूध से बने पदार्थ भी कैल्शियम देते हैं। सभी प्रकार के मांस और प्राय: सभी फल कैल्शियम प्रदान करते हैं।

हमें हरी सब्जियाँ जैसे पालक सरसों मैथी ,चने की भाजी ,मूली के पत्ते ,सरसों के पत्ते कैल्शियम देते हैं। हमें कंद और जड़ वाले आहार में आलू शकरकंद मूली शलजम आदि से कैल्शियम प्राप्त होता है।

कैल्शियम के अभाव में होने वाली हानियाँ Lack of Calcium 

  1. कैल्शियम मनुष्य के शरीर के लिए आवश्यक तत्व है, जिसकी कमी से अस्थि विकार होता है, बच्चों में रिकेटस और महिलाओं में मृदुल जैसे हड्डी संबंधी रोग हो जाते है।
  2. कैल्शियम की कमी से दांतों की सुंदरता व शुद्धता नहीं रहती कई दांत समय से पूर्व गिर जाते हैं।
  3. कैल्शियम की कमी के कारण शरीर के विकास में बाधा उत्पन्न हो जाती है, हड्डियाँ कमजोर और भंगूर हो जाती है।
  4. एक सामान्य वयस्क के आहार में प्रतिदिन 1 ग्राम कैल्शियम का समावेश आवश्यक है। गर्भवती स्त्री को एक-एक दो ग्राम व धात्री को दो ग्राम कैल्शियम प्रतिदिन ग्रहण करना चाहिए।

फोस्फोरस क्या है Phosphorous

फोस्फोरस एक रासायनिक तत्व है जिसकी परमाणु संख्या 15 है यह तत्व फोस्फीट चट्टानों में पायी जाती है, तथा सूक्ष्म मात्रा में शरीर की विभिन्न क्रियाओं में महत्वपूर्ण कार्य करती है।

फास्फोरस के कार्य Function of Phosphorous 

  1. यह तत्व भी मनुष्य के दांतों और हड्डियों की सुंदरता के लिए आवश्यक है। हड्डियों में 80% फास्फोरस उपस्थित रहता है।
  2. फास्फोरस रक्त को शुद्ध बनाए रखता है।
  3. भोजन से उर्जा उत्पन्न करने में जलन कार्य में भी फास्फोरस का योगदान रहता है।
  4. दूध ,पनीर, अंडे ,मांस ,मछली ,पालक और सब्जियाँ भीगे हुए चने सेम सब्जियां गोभी और शलजम तथा सूखे मेवों में भी फास्फोरस  होता है।

लौह लवण Iron 

लौह लवण मानव रक्त में लगभग 60% रहता है। यह शरीर के लिए आवश्यक है, तथा रक्त में हीमोग्लोबिन के रूप में होता है। इसका कार्य रक्तहीनता के रोगों से बचाना तथा त्वचा को स्वस्थ रखना है। पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में लौह लवण की अधिक आवश्यकता होती है।

सामान्य स्त्रियों में रक्त में 12% हीमोग्लोबिन होना चाहिए, जबकि पुरुषो में 14% लौह लवण मुख्य रूप से अंडे, मांस,मेवे, गाजर, ककड़ी ,करेला, हरी भजियों आदि से प्राप्त होता है। एक व्यस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 20 से 30 ग्राम लौह लवण की आवश्यकता होती है। 

आयोडीन नमक Iodine 

यह तत्व  शरीर में कैल्शियम और वसा के उचित अवशोषण लिए आवश्यक है और इसकी कमी से थायराइड ग्रंथियों का रोग हो जाता है। इसके अभाव में शारीरिक की वृद्धि रुक जाती है।

यह तत्व जल स्रोत और समुद्र जल में मिलता है। यह जमीन से प्राप्त होने वाला तत्व है, जमीन में समीप ही उत्पन्न प्रत्येक सब्जी में आयोडीन होता है। प्याज और मछली भी आयोडीन प्रदान करते हैं ,जिन स्थानों और क्षेत्रों में आयोडीन की कमी है। उन स्थानों पर नमक में आयोडीन मिलाकर प्रयोग किया जाता है। दैनिक आहार में लगभग 50 से 100 ग्राम आयोडीन आवश्यक है।

सोडियम क्लोराइड Sodium Chloride 

यह खनिज लवण सामान्य नमक के रूप में जाना जाता है। इससे भोजन का स्वाद बढ़ जाता है। भूख खुलकर लगती है, यह रक्त के संगठन को ठीक रखता है, तथा शरीर की क्रियाशीलता को बढ़ाता है।

नमक ना खाने से कब्ज और बदहजमी की संभावना रहती है। कई तत्व त्वचा के रोग एवं रक्तचाप संबंधी रोगों में नमक वर्जित है।

पोटेशियम Potassium

यह तत्व शरीर में नए कोशिकाओं के निर्माण में योगदान देते हैं, तथा रक्त और कोशिकाओं में उपस्थित रहता है। दुनिया में सभी वनस्पतियां में पोटेशियम रहता है। इसका शरीर में अभाव नहीं होता, क्योंकि प्रत्येक भोज पदार्थ पोटेशियम प्रदान करता है।

मैग्नीशियम Magnesium

मनुष्य की अस्थियों में 60% मैग्नीशियम होता है। यह तत्व अस्थियों का निर्माण भी करते हैं। मैग्नीशियम की कमी से अस्थि संबंधी रोग तथा ऐंठन के लक्षण बच्चों में दिखाई देते हैं। इसलिए मैग्नीशियम सभी लोगों को प्रचुर मात्रा में लेना चाहिए और यह सभी भोज्य पदार्थो में पाया जाता है। 

गंधक Sulfur

शरीर में प्रोटीन युक्त खाद पदार्थों के साथ गंधक की पूर्ति होती रहती है। यह प्रोटीन खाद में एक परसेंट की मात्रा में पाया जाता है, जो त्वचा, बाल ,नाखून के लिए आवश्यक है। यह भोजन तत्वों की ज्वलनशीलता को सहयोग प्रदान करता है।

शरीर में इंसुलिन होर्मोन्स (Insulin) का उचित समन्वय बनाए रखने में गंधक एक महत्वपूर्ण तत्व है। गंधक की सहायता से शर्करा की ज्वलनशीलता की क्रिया ठीक से संपन्न होती है। 

जल Water 

जल को जीवन का आधार कहा जाता है। यह बात सत्य की मनुष्य भोजन के बिना तो कई दिन काट सकता है, किंतु जल के बिना वह जीवित नहीं रह सकता। मनुष्य के शरीर का 70% भाग जल से बना हुआ है।

इस मात्रा में कमी आने से डिहाईड्रेशन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और मनुष्य की मृत्यु तक हो जाती है। मानव के शरीर में जल अनेक कार्य करता है। जल हमारे द्वारा खाए गए भोजन को पचाता है, भोजन के पाचन और अवशोषण की क्रिया में सहायता पहुंचाता है।

शरीर की पाचन तंत्र तथा रस उत्पन्न करने वाली ग्रंथियों को मुख्य क्रिया को भेजने की सक्रियता जल प्रदान करता है। जल की कमी से शरीर का भार कम होने लगता है, ग्रंथियों की सक्रियता कम हो जाती है, तथा कब्ज और पेट में गड़बड़ी के विकार प्रारंभ हो जाते हैं।

शरीर में जल की मात्रा को बनाए रखने की दृष्टि से आहार में दूध तरल पदार्थ जैसे रसीली सब्जी ,फलों का रस आदि नियमित रूप से उपयोग करना चाहिए,

इसके अलावा लगभग 2.5 किलो शुद्ध शीतल जल का सेवन रोजाना करना चाहिए। शीतल पेय पदार्थ का भी सेवन करते रहना चाहिए, जिससे शरीर में जल की पूर्ति बनी रहती है।

दोस्तों यहाँ पर आपने खनिज लवण के स्रोत (Sources of minerals) आदि के बारे में पढ़ा। आशा करता हुँ आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

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